आपकी मुस्कान से,
नयनों के दीप रौशन हुए।
महक उठा ऑंखों का काजल,
मुस्कुरा उठे लब मेरे।
मुझसे जुदा होने की बातें,
न करना कभी हमदम।
जुदा होकर आपसे ,
जी कर क्या करेंगे हम।
रब से है यही दुआऍं,
आप सदा यूॅं ही मुस्काऍं॥
____✍गीता
आपकी मुस्कान से,
नयनों के दीप रौशन हुए।
महक उठा ऑंखों का काजल,
मुस्कुरा उठे लब मेरे।
मुझसे जुदा होने की बातें,
न करना कभी हमदम।
जुदा होकर आपसे ,
जी कर क्या करेंगे हम।
रब से है यही दुआऍं,
आप सदा यूॅं ही मुस्काऍं॥
____✍गीता