आप Ravi Bohra 5 years ago ये झुकी हई आंखों से मानो सुनहरी शाम सी लगती हो ये हसीन चेहरा एक खिलता गुलाब सी लगती हो किसी की जान न ले लेना आपकी मुसकान की तलवार से हर मेहखाना का कभी न उतरने वाला शराब सी लगती हो