Site icon Saavan

आप

मन के इतने खूबसूरत
आप कैसे हो गए,
आपको किसने सिखाया
इस तरह से स्नेह करना।
आप मे इतनी अधिक
ममता की बातें हैं भरी,
कि आप ऐसी लग रही हो
एक मिश्री की डली।
आपको पाने से आसूदाह हो
प्रसन्न हैं हम।
इत्तिका जब आप हो तो
ऐश से जीते हैं हम।

Exit mobile version