क्या है आरक्षण और
क्यों है आरक्षण ?
क्यों हमें जाति के नाम पर
अलग करते हो ?
जब देखो तब हम युवाओं
का बँटवारा करते रहते हो..
सवर्ण के हों इतने नंबर
तब ही आगे बढ़ पाएगा,
उससे कम नंबर वाला
कुर्सी पर इठलाएगा..
सोंचो कभी बीमार पड़ो तो
किससे इलाज करवाओगे !
जो हो मेरिट वाला या आरक्षण
वाले से चीर-फाड़ करवाओगे ?
तब तो तुम देखोगे नेताजी!
जो हो सबसे पढ़ा-लिखा
उसी डॉक्टर से इलाज करवाओगे,
यदि हुई गम्भीर बीमारी तो
एम्स में भर्ती हो जाओगे..
लेकिन आम जनता का जीवन
तुम अयोग्य डॉक्टर को सौंप दोगे,
बोलो आखिर कब तक तुम
आरक्षण के नाम पर राजनीति करोगे ?
बहुत पढ़ा है प्रज्ञा ने बुद्धी
के बारे में,
बिने, स्पीयरमैन, थार्नडाइक भी
ना बता सके आरक्षित बुद्धी के बारे में..
यदि बुद्धी जातिगत होती तो
अबुल कलाम देश का नाम
ना रौशन करता,
विकास दुबे इतना बड़ा
अत्याचारी ना बनता..
यदि बुद्धी सिर्फ सवर्ण को मिलती
तो रावण ऐसे कुकृत्य ना करता,
राम नाम की नैया खेकर
कोई केवट भवसागर पार
ना करता..
बुद्धी प्रकृति प्रदत्त है कोई
जातिगत विशेषता नहीं है भाई,
जैसे सबके लहू का रंग है एक
हो चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख
इसाई…!!