आलम Praduman Amit 4 years ago मुहब्बत के नश्तर मिटाने वाले, तुझे क्या पता है चाहत ए आलम। तू ने कभी मुहब्बत 💘की ही नहीं, तू क्या समझे मेरे दर्द ए आलम।।