आहिस्ता से बोल दो
क्या कह रहा मन
करोगे मुहब्बत या
दुत्कार दोगे।
इकबाल है हमारा
मिले आप पथ में
इजहार कर दिया,
क्या स्वीकार लोगे।
आहिस्ता से बोल दो
क्या कह रहा मन
करोगे मुहब्बत या
दुत्कार दोगे।
इकबाल है हमारा
मिले आप पथ में
इजहार कर दिया,
क्या स्वीकार लोगे।