इतिहास बदलना ही होगा
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बस बहुत हुई झूठी गाथा ,
मियां मिट्ठू ज्ञान भी बहुत हुआ। स्वर्णिम इतिहास के गाथा का, झूठ लिखकर अपमान भी बहुत हुआ
असली सेनानी गायब हैं,
इतिहास के स्वर्णिम पन्नों से। शाही ठाटों में लीन थे जो,
बन बैठे मसीहा सबके दिलों के। बिना खडग बिना ढाल के, आजादी हमको मिलती रही।
पर्दे के पीछे स्वतंत्रता सेनानियों की,
लाशें कट कट कर गिरती रही। बाहर से चाचा बन-बन बनकर, अंदर से गहरे खेल गए।
टुकड़ों में देश को बांट दिया, अपनी जेबें गर्म करते गए।
भोली भाली सी जनता को,
मीठी बातों से जीत लिया।
चाचा बापू भारत के बन,
हर एक से नाता जोड़ लिया।
बस बहुत हुआ बस बहुत हुआ, हम सब को कुछ करना होगा। झूठा इतिहास तो बहुत पढ़ा, इतिहास बदलना ही होगा। इतिहास बदलना ही होगा ।निमिषा सिंघल