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ईमानदारी

मैंने सूरज को आज फिर से चढ़ते देखा है,
आसमान से परिंदों को उतरते देखा है !
जो कल तक ईमानदारी की बात करते थे,
उन्हें चन्द सिक्कों के लिए लड़ते देखा है !!

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