ईर्ष्या Vinita Shrivastava 6 years ago क्या कभी विजय नहीं देखी, जो इतना घबराते हो जिसमे कवि का गुण नहीं, और कवि कहलाते हो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-