उगल रहा है आदमी Pragya 3 years ago उगल रहा है आदमी विष के ऐसे बोल विष के ऐसे बोल बोलकर थकता ना तू मैं तेरा ही अंश मुझको पहचाना ना तू कैसे दिन आए अंतस में पीर उठी है द्वारे पर बैठी सबसे माँ पूंछ रही है:- आया ना बेटा मेरा जो गया अकेला नैन बिछाए राह ये है दुनिया का मेला…