Site icon Saavan

उसके कजरारे नैनों में….

कल दिल ने फिर गोते मारे, उसके कजरारे नैनों में

हम अपना सब कुछ फिर हारे, उसके कजरारे नैनों में

उसके नैनों में उतरे जब, तब जा के हमने जाना ये

हैं छुपे हुए कितने तारे, उसके कजरारे नैनों में

ना जाने कैसा जादू था उन काली-काली अँखियों में

कि भूल आया मैं गम सारे, उसके कजरारे नैनों में

जब तक वो मेरे साथ रहे, पल कब गुजरे, कुछ याद नहीं

थे रुके समय के भी धारें, उसके कजरारे नैनों में

कल से मेरा ये दिल मुझसे बस ये ही पूछे जाता है

कब जाओगे फिर से प्यारे, उसके कजरारे नैनों में

@आशुतोष चौधरी @@

Exit mobile version