उसके कजरारे नैनों में….

कल दिल ने फिर गोते मारे, उसके कजरारे नैनों में

हम अपना सब कुछ फिर हारे, उसके कजरारे नैनों में

उसके नैनों में उतरे जब, तब जा के हमने जाना ये

हैं छुपे हुए कितने तारे, उसके कजरारे नैनों में

ना जाने कैसा जादू था उन काली-काली अँखियों में

कि भूल आया मैं गम सारे, उसके कजरारे नैनों में

जब तक वो मेरे साथ रहे, पल कब गुजरे, कुछ याद नहीं

थे रुके समय के भी धारें, उसके कजरारे नैनों में

कल से मेरा ये दिल मुझसे बस ये ही पूछे जाता है

कब जाओगे फिर से प्यारे, उसके कजरारे नैनों में

@आशुतोष चौधरी @@

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close