विद्यालय से अवकाश लेकर,
हमने बहुत आराम किया
सारे ताम-झाम से मुक्ति लेकर,
कल, ना कुछ भी काम किया
बचपन की एक सखी से,
दूरभाष पर बात करी
कुछ अपनी कही, कुछ उसकी सुनी
ख़ूब खुश और मस्त रही
लेकिन मेरा ही अवकाश था,
मैनें तो आराम किया,
कुछ सखियों को काम बहुत था
कुछ सखियां व्यस्त रहीं..
*****✍️गीता