खत्म हुई अाज जिन्दगी की
एक और परीक्षा
फिर जीत गई मैं
हमेशा की तरह
अब परिणाम की प्रतीक्षा भी नहीं
क्योंकि स्वयं की मेहनत पर
अटूट विश्वास है
परीक्षा का अनुभव कैसा भी
रहा हो पर
परिणाम तो अच्छा ही होगा
मेरा दिल मुझसे कहता है प्रज्ञा !
एक दिन ऐसा भी आएगा जब
तेरे कदमों तले जहान होगा..