Site icon Saavan

एक और मासूम की जिंदगी “रहस्य “देवरिया

एक और मासूम की जिन्दगी (“रहस्य”)
??????
दौलत की चाहने रिश्तों के धागे को तार तार कर दिया हैं,
एक और मासूम की जिन्दगी को मरने पर लाचार कर दिया हैं,,
??????
पापा सब दिया आपने इन्हें मेरी सूख खूशीओ की खातीर,
पर इन दहेज़ के लोभीओ ने मेरा जिना दूशवार कर दिया हैं,,
??????
और ना हो सको परेशान मेरी वजहा मेरी होठों की हॅशी के लिए,
माफ करना बाबा मुझे इसी लिए अपनी जान निसार कर दिया हैं,,
??????
दौलत की चाहने रिश्तों के धागे को तार तार कर दिया हैं,
??????
((((“रहस्य “))))((देवरिया))

Exit mobile version