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एक दूजे का प्रेम

प्रेम जिसका इंजन, गाड़ी जिसकी यारी |
इजहार चालक है, खुशियाँ हैं सवारी |

वह एक फरिश्ता है, खूबसूरत गुलदस्ता है |
लगता बहुत नाजुक, पर सच्चे दिल से रिश्ता है |

वह आस से जीता है, विश्वास से चलता है |
नफरत जिसका दुश्मन, जो प्यार से पलता है |

एक दूजे के दर्द को अपना समझ कर,
खुद बीमार होता है |
पर खुशगवार दिल में, इकरार होता है |

वो एक शीशा सा नाजुक है, बस इसे सहेजना होता है |
स्वार्थी राक्षस को बस भेदना होता है |

सच कहूँ इसमें असीम शक्ति होती है |
अपना पराया हो जाए, पर इसमें सच्ची भक्ति होती है |

अगर कोई इसकी मान का, व्याकरण सीख लेता है |
समझो वो आजीवन सच्चे भाव का आवरण ओढ़ लेता है |

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