Site icon Saavan

एक परदेशी ने तुम पर भरोसा किया

एक परदेशी ने तुम पर भरोसा किया।
तुम कपटी हुई , उससे धोखा किया ।।
नारी तो होती है ममता की मूरत।
क्या तुझको नहीं थी उसकी जरुरत।।
ज़िन्दगी के बदले मौत का तोफा दिया।
एक परदेशी ने तुम पर भरोसा किया।।
अमर सुधा रस का तुम में है वास।
फिर क्योंकर जहर को बनाया रे खास।।
मित्र भी गए मित्रता भी गई
पाक रिश्ते को तूने बदनाम कर दिया।।
एक परदेशी ने तुम पर भरोसा किया।

Exit mobile version