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ओस के मोती जड़े हैं

फूलों ने पंखुड़ियों का
हार बना कर पहना है
प्रकृति की हरियाली का
आज यही बस कहना है
परियों के गहनों में
सोने के बूटे पड़े हैं
हम पत्तों के हारों में
ओस मोती जड़ें हैं
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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