ओ कोरोना
हो रहा है राष्ट्र लाँक,
और हो रहा राज्य लाँक।
नष्ट करेगे इस कोरोना को,
और करेगे इसको लाँक।।
बज गई थाली बज गई ताली,
बजी शंख और बज गई घंटी।
ओ कोरोना बाँध ले बिस्तर,
जल्द ही होगी तेरी छुट्टी।।
धैर्य रखेगे सर्तकता बरतेगे,
संयम से लेगे हम काम।
स्वच्छता को हथियार बनाकर,
आफवाहों पर ना देगे ध्यान।।
अपनी सूझ बूझ से हम,
इस वायरस का करेगे नाश।
सरकार प्रयास कर रही है,
हम भी है सरकार के साथ।।
हम भारतीय चलो खाए कसम,
चाहे करना पड़े कितना परिश्रम।
अपने भारत देश में एक पल भी,
कोरोना को लेने देगें ना दम।।
रीना कुमारी
तुपुदाना, राँची झारखंड