दोस्त कहा से इतना दर्द लिया
लपेट यह विष का जाल लिया
अब इस ज़हर को कैसे दहन करू
राह् और कोई तो नज़र ना आए
अपने शिव से ही अब माँग करू
कंठ मेरे को वरदान यह दे दो
तेरा विष सारा यह ग्रहन करे
…… यूई
दोस्त कहा से इतना दर्द लिया
लपेट यह विष का जाल लिया
अब इस ज़हर को कैसे दहन करू
राह् और कोई तो नज़र ना आए
अपने शिव से ही अब माँग करू
कंठ मेरे को वरदान यह दे दो
तेरा विष सारा यह ग्रहन करे
…… यूई