कभी-कभी Pragya 4 years ago कभी -कभी तो आते हैं तुमसे मिलने! यूँ मुँह ना फेरो हमसे रूठे हो तो रूठे रहो नज़रें तो मिलाओ हमसे। इतना गुस्सा भी ठीक नहीं साहिब! यूँ मलाल लिये बैठे हो सज़ा देनी है तो दे देदो मगर खता क्या हो गयी है ये तो बताओ हमसे।