दिखाईं देता है,
तुझे अपना दुःख,
और तकलीफें भी,
और नज़र आ जाती है,
अपनी अच्छाईयां भी,
मगर मानुष! तू बहुत लालची,
दिखावे के लिए तुने,
क्या-क्या नहीं किया,
फिर दिखाई देती है,
तुम्हें अपनी बेबसी।
बस एक चीज ,
जो दिखाई नहीं देती,
खोट अपना!
कमियां अपनी!