Site icon Saavan

कर्म ही तेरा स्वाभिमान है

कर्म किए जा ए इन्सान,
फल की चिंता मत करना
फल तो देगा ही भगवान।
महाभारत के दौरान,
अर्जुन के हृदय में उत्पन्न हुए थे
कुछ भ्रम-भाव,
उनका करने समाधान।
श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था,
अर्जुन की दुविधा को दूर किया था।
शरीर अस्थाई है आत्मा है स्थाई,
आत्मा अजर है आत्मा अमर है।
तन केवल आत्मा का परिधान है।
तेरा कर्म ही तेरा स्वाभिमान है
यही तो गीता का ज्ञान है।
कर्मों से ही हे मानव तेरा सम्मान है।।
_____✍️गीता

Exit mobile version