कलम की स्याही को फीकी होने न देना राही अंजाना 6 years ago कलम की स्याही को फीकी होने न देना, जो ज़िंदा हैं इतिहासों में मुर्दा होने न देना, छीन भी ले गर तुमसे कोई कविता तुम्हारी, अपनी कलम का वजूद पर कभी मिटने न देना।। राही (अंजाना)