कविता तुम ही तो
साथी हो, संवेदना हो,
प्रेम हो, लगाव हो,
जुड़ाव हो,
भावों का प्रवाह हो।
बिछुड़न की आह हो,
दिल की चाह हो।
संगीत की गान हो,
सुर की तान हो,
शरीर में जान हो,
जीवन का अरमान हो,
कविता तुम ही तो
साथी हो, संवेदना हो,
प्रेम हो, लगाव हो,
जुड़ाव हो,
भावों का प्रवाह हो।
बिछुड़न की आह हो,
दिल की चाह हो।
संगीत की गान हो,
सुर की तान हो,
शरीर में जान हो,
जीवन का अरमान हो,