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कांटे बिछाते क्यों हो?

जब तुम्हारे और मेरे रास्ते अलग हैं तो
मेरे रास्तों में आकर कांटे क्यों बिछाते हो?
कोई मोहब्बत नहीं है हमसे अगर
तो एहसान जताते क्यों हो?

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