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कितना अच्छा होता

कितना अच्छा होता
हर हिंदू मुस्लिम बन जाता
हर मुस्लिम हिंदू बन जाता
हर घर में अल्लाह आ जाते
हर घर में आ जाते राम
कितना अच्छा होता
हर गरीब अमीर बन जाता
हर अमीर बन जाता सज्जन
हर आंखों में सपने सजने
हर आंगन में खिलते फूल
कितना अच्छा होता
ना कहीं भी दंगा होता
ना किसी से पंगा होता
हर कोई होता अपना भाई
हर तरफ बजती शहनाई
कितना अच्छा होता
हर हिंदू मुस्लिम बन जाता
हर मुस्लिम हिंदू बन जाता
हर घर में अल्लाह आ जाते
हर घर में आ जाते राम
कितना अच्छा होता।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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