ये हमदर्दी की बातें
बस किताबों में ही दिखती हैं
मोहब्बत तो आजकल यार
बाजारों में बिकती है
भरोसा किस पर करें और
प्यार भी किससे करें आखिर
आजकल तो दिल की दुनिया
महज अपनों से लुटती है।।
ये हमदर्दी की बातें
बस किताबों में ही दिखती हैं
मोहब्बत तो आजकल यार
बाजारों में बिकती है
भरोसा किस पर करें और
प्यार भी किससे करें आखिर
आजकल तो दिल की दुनिया
महज अपनों से लुटती है।।