किनारे रहते है लोग मेरी मझंधारों से Sonia Kulshrestha 8 years ago कोई नहीं जानता ख्वाहिशें मेरी अनजान है सब मेरे ख्वाबों से मेरे अश्कों को पानी समझती है दुनिया किनारे रहते है लोग मेरी मझंधारों से