किनारे रहते है लोग मेरी मझंधारों से

कोई नहीं जानता ख्वाहिशें मेरी
अनजान है सब मेरे ख्वाबों से
मेरे अश्कों को पानी समझती है दुनिया
किनारे रहते है लोग मेरी मझंधारों से

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