नारी नर में भेद मत, अब कर हे इंसान
समता का अधिकार है, दो आँखो सा जान
दो आँखो सा जान, बनो सब रूप पुजारी
कन्या पत्नी बहिन, और माता है तुम्हारी
कह पाठक कविराय, सबल आंदोलन जारी
शिक्षित है संसार, संभाले अब की नारी
नारी नर में भेद मत, अब कर हे इंसान
समता का अधिकार है, दो आँखो सा जान
दो आँखो सा जान, बनो सब रूप पुजारी
कन्या पत्नी बहिन, और माता है तुम्हारी
कह पाठक कविराय, सबल आंदोलन जारी
शिक्षित है संसार, संभाले अब की नारी