कृष्णा जी की प्यारी ,राधा न्यारी
बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी,संग वृषभानु दुलारी
तुम बिन कोई ना ठौर हमारी, जाऊँ बलिहारी
पल पल याद करूँ त्रिपुरारी, आऐ शरण तिहारी
कृष्णा जी की प्यारी, राधा न्यारी
बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी, संग वृषभानु दुलारी
मुखड़ा तेरा नूरानी, तेरा मेरा रिश्ता तो रूहानी
दाता अपनी है यारी पुरानी, हमको चरणन से ना बिसारी
कृष्णा जी की प्यारी, राधा न्यारी
बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी, संग वृषभानु दुलारी
सुदामा संग निभाईं ऐसी यारी, जाऊँ वारी-वारी
तुने सारी दुनिया है तारी,मैं भी निहारू राह थारी
कृष्णा जी की प्यारी, राधा न्यारी
बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी, संग वृषभानु दुलारी।