जाने क्यों कोई शिकायत नही तुमसे
मालूम नही के कैसा तुझ्से रिश्ता है
हाथ उठ भी नही पाते दुआ में तेरी
रह्मत तेरी पहले ही बरस जाती है
….. यूई
जाने क्यों कोई शिकायत नही तुमसे
मालूम नही के कैसा तुझ्से रिश्ता है
हाथ उठ भी नही पाते दुआ में तेरी
रह्मत तेरी पहले ही बरस जाती है
….. यूई