आने से पहले ही गैर जीवन का पुरौधा बन गया
जन्म से पहले ही जननी की कोख का सौदा हो गया
अंश किसी का,गर्भ किसी का ,किसी और गर्भ में प्रत्यारोपित
लोग कौन ,देश कौन सा,किनके बीच में, हाय!कैसा ये जीवन शापित
एक अनजाने को कैसे कोई अपनी ममता सौंप गया
जन्म से पहले ही ———-
कोख बना जब साधन माँ के पेट की क्षुधा मिटाने का
भूख प्यास ने किया कलंकित कैसे जीवन मानव का
देखते ही देखते बदतर कितनों का जीवन हो गया
जन्म से पहले ही———-
क्या मेहनतकश इन्सान नहीं हम,ऐसी क्या लाचारी है
अपने अंश का सौदा करके ग़ैरत को गाली दे डाली है
सशक्तिकरण के दौर मे, तेरी चेतना का क्या हो गया
जन्म से पहले ही————
सुमन आर्या