कौन जानता है
कि कौन मिलेगा कहां
देखौं न
मैं तो हूँ यहां
और तुम हो
न जाने कहां
लेकिन तुम
मिल रहे हो मुझसे
पढ़कर मेरी लिखी जुबां।
– कुमार बन्टी
कौन जानता है
कि कौन मिलेगा कहां
देखौं न
मैं तो हूँ यहां
और तुम हो
न जाने कहां
लेकिन तुम
मिल रहे हो मुझसे
पढ़कर मेरी लिखी जुबां।
– कुमार बन्टी