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कौन मुझे अब अपनाएगा…???

कोरोना से सिमटते परिवारों की व्यथा:-

कैसा जीवन हाय ! हमारा
लगता ना कोई भी प्यारा
मम्मी, पापा, दादी, बाबा
भाई जो कल ही था
दुनिया में आया,
चले गए सब छोड़ मुझे अब
कौन करेगा प्यार मुझे अब !
कौन बलाएं मेरी लेगा ?
कौन अब मेरे संग खेलेगा ?
किसको अब मैं तंग करूंगी ?
किसकी गोदी में खेलूंगी ?
सोच रही है यह प्यारी गुड़िया
जो कल तक थी आफत की पुड़िया आज बैठी है चुप्पी बांधे
निज आँखों के अश्रु साधे
शेष बची बस एक ही दौलत-
गोद में गुड़िया और साँसों की मोहलत
कैसे जीवन जिया जायेगा !
कौन मुझे अब अपनायेगा…!!

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