क्या खराबी है
कि मियां शराबी है ।
शराबी की बीबी हूँ
इसमें भी नवाबी है।।
रोज पकौरे और सलाद
दिखते घर में हो आबाद
नल में पानी हो न बेशक़
मेज सजा शर्बते गुलाबी है।
क्या खराबी है कि मियां शराबी है।।
घर में इन्टरी होती जब
करते खूब भले कोहराम।
बच्चे सहमे-सहमे-से
बिना नींद के करे आराम।।
जूठी बासी भोजन को भी
समझ रहा स्वादिष्ट कबाबी है।
क्या खराबी है कि मियां शराबी है।।
कुत्ते संग भी सो जाता है
नशे में होकर वो कभी चूर।
खैर मनाती मैं रातों में
बेशक़ होकर उससे दूर।।
बची खर्राटे और बदबू से
क्या अपनी रात गुलाबी है।
क्या खराबी है कि मियां शराबी है।।