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क्या जिंदगी है

बचपन में खेल का तकाजा,
जवानी में मौसम के तकाजा
तो बुढ़ापे में उम्र की तकाजा ।।
जब आ जाए अंतिम घड़ी ,
उठ जाता है हम सब के जनाजा ।।

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