बोलो क्यों तुम हँस रहे, बिना बात के आज,
इतने गदगद हो रहे, क्या है इसका राज,
क्या है इसका राज, प्रेम की आहट है क्या,
उमड़ रही मन आज, किसी की चाहत है क्या,
कहे लेखनी भले, छुपा लो चाहत को तुम,
कवि से कैसे छुपा सकोगे आहट को तुम।
बोलो क्यों तुम हँस रहे, बिना बात के आज,
इतने गदगद हो रहे, क्या है इसका राज,
क्या है इसका राज, प्रेम की आहट है क्या,
उमड़ रही मन आज, किसी की चाहत है क्या,
कहे लेखनी भले, छुपा लो चाहत को तुम,
कवि से कैसे छुपा सकोगे आहट को तुम।