क्या है इसका राज (कुंडलिया छन्द)

बोलो क्यों तुम हँस रहे, बिना बात के आज,
इतने गदगद हो रहे, क्या है इसका राज,
क्या है इसका राज, प्रेम की आहट है क्या,
उमड़ रही मन आज, किसी की चाहत है क्या,
कहे लेखनी भले, छुपा लो चाहत को तुम,
कवि से कैसे छुपा सकोगे आहट को तुम।

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Responses

  1. बहुत ख़ूब कवि सतीश जी की कलम से निकली कुंडलिया छन्द में बहुत सुंदर पंक्तियां, उत्तम लेखन

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