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खारा सोना

एक आँधी सी छाई चहुदिश
बन दुश्मन द्वार कोरोना है।
लाशें रो रही आज सड़क पर
पीड़ित धरती का हर कोना है ।।
विनयचंद एकांत में ले चल
बीच भीड़ में क्योंकर रोना है।
राम नाम नित रट री रसना
है औषधि सच्चा खारा सोना है ।।

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