एक ही झटके में
सबकुछ समझ जाओ तुम
मेरा जीवन
ऐसी कोई
खुली किताब नहीं
राह हासिल करने को
गंदी नाली को स्वीकारले
ऐसा ये कोई
बेवकूफ आब नहीं।
-कुमार बन्टी

एक ही झटके में
सबकुछ समझ जाओ तुम
मेरा जीवन
ऐसी कोई
खुली किताब नहीं
राह हासिल करने को
गंदी नाली को स्वीकारले
ऐसा ये कोई
बेवकूफ आब नहीं।
-कुमार बन्टी