खेलें हम अन्तराक्षरी Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago सावन के इस मंच पर कवियों का है संगम। सुंदर सुहानी संध्या में छोड़ें कुछ सरगम।। दो पद हम लिखते हैं दो पद तुम भी गाओ। खेलें हम अन्तराक्षरी निज कवित्त सुनाओ।