ख्वाब चुनते है अकसर हर तस्वीर अधूरी
हो हर तस्वीर पूरी यह कतय नही ज़रूरी
ख्वाहिश-ए-दिल तेरे की क्या मर्ज़ीया यहा
पढ़ सकता है तो पढ़ टूटी सी तस्वीर अधूरी
…… यूई
ख्वाब चुनते है अकसर हर तस्वीर अधूरी
हो हर तस्वीर पूरी यह कतय नही ज़रूरी
ख्वाहिश-ए-दिल तेरे की क्या मर्ज़ीया यहा
पढ़ सकता है तो पढ़ टूटी सी तस्वीर अधूरी
…… यूई