ख्वाब – 11 UE Vijay Sharma 8 years ago ख्वाब चुनते है अकसर हर तस्वीर अधूरी हो हर तस्वीर पूरी यह कतय नही ज़रूरी ख्वाहिश-ए-दिल तेरे की क्या मर्ज़ीया यहा पढ़ सकता है तो पढ़ टूटी सी तस्वीर अधूरी …… यूई