ख्वाहिश है बहुत दिल की anupriya sharma 8 years ago ख्वाहिश है बहुत दिल की आंखो में गम है बहुत ज़हन में है इक अजीब सी खामोशी होती है घुटन हरदम अब नहीं ख्वाहिशों का कत्ल करने को जी करता है खामोशी को चीरने को जी करता है इक बार मुस्कुराने की ख्वाहिश है