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गँवारा न हुआ

जिसे पल-पल दिल से चाहा,
उसका एक कतरा भी हमारा न हुआ।

कसमें- वादे हमसें थे,
पर खुशी का हम संग बटँवारा न हुआ।

झूमते थे, ज़माने के जश्नो में जो,
हम संग एक पल भी बिताना, उन्हे गँवारा न हुआ।

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