गमगीन है हिन्दुस्तान
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प्रणवदा थे राजनीति का एक जीता-जागता, सजीव संस्थान
निधन,राजनीति ही नहीं, जनता के लिए भी बङा नुकसान ।
गुणी, पढ़े लिखे, सादगी की थे जो जीती-जागती प्रतिमान
इस दौर में ढूँढे नहीं मिलेगा, उनकी बराबरी का कहीं
इंसान
विरोधियों से भी थी जिनकी अपने सगे-संबंधियों जैसी
पहचान
करनी कथनी में गज़ब का तालमेल, द्वेष का नहीं नामो-निशान
सैद्धांतिक नीतियों के बल पर दशकों तक बन रहे सबसे महान
विदेश मंत्री,रक्षा मंत्री वित्त मंत्री, राष्ट्रपति बन बढाया राष्ट्र का मान
पद्मविभूषित,सर्वश्रेष्ठ सांसद,प्रशासक,भारत रत्न,पाये बंगला मुक्ति सम्मान
सिद्धांतों को जीने वाले, दमन के विरोधी,
मानवता के पोषक पसंद करता जिन्हें सारा जहान
निधन, एक अपूरणीय क्षति है, गमगीन है सारा हिन्दुस्तान