Site icon Saavan

गरीब की कब्र

गरीब की कब्र पर कहाँ कब दीप जलते हैं ,
रेगिस्तान में आसानी से कहाँ फूल खिलते हैं।

चाँद-तारों की ख्वाहिश तो महल वाले रखते हैं

हम जुगनू हैं अपनी फिजाओं के….हम तो खुद से ही खुद को रोशन रखते हैं।।

Exit mobile version