गीत यूँ ही नहीं बना करते Pragya 4 years ago गुलशन फिज़ाओ में यूं ही नहीं महकते हैं इश्क की बूंदाबांदी से खिल उठते हैं एहसास की रोशनी से महक उठते हैं गीत यूंही नहीं बना करते दिल के जख्मों को हरा करते हैं